शताब्दी व गतिमान एक्सप्रेस अपनी फुल स्पीड से दौड़ सकें, इसके लिए फिर से जल्द विशेष ट्रेन से रेलवे आगरा से झांसी के बीच ट्रायल रन करेगा। रेलवे ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीते रोज डीजल इंजन से ट्रायल किया गया था। इस दौरान 180 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन ट्रेन 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ही दौड़ सकी। जिससे रेलवे द्वारा अभी और ट्रायल किया जाना है। रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा इसके लिए फिर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
आगरा से झांसी के बीच 216 किमी की दूरी है। इस दूरी को विशेष ट्रेन ने 2 घंटे 13 मिनट में पूरा किया था। गतिमान की तुलना में विशेष ट्रेन ने आगरा से झांसी के बीच 23 मिनट बचाए थे। गतिमान आगरा से झांसी के बीच 2 घंटे 36 मिनट में सफर तय करती है। आगरा से झांसी के बीच गतिमान व शताब्दी एक्सप्रेस 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है। दोनों ट्रेनों की गति 180 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार करने का लक्ष्य है, जिससे दिल्ली से ग्वालियर तक आने में यात्रियों का 20 से 25 मिनट समय बचेगा।
आंतरी व सिथौली में ट्रैक में मिली कमियां: एक दिन पहले विशेष ट्रेन से आगरा से झांसी के बीच ट्रायल किया गया। इस दौरान एक जगह ट्रेन को रोकना पड़ा था। यहां साथ ही सिथौली के पास कर्व होने के कारण ट्रेन की रफ्तार प्रभावित हुई। इन सबसे के बारे में आरडीएसओ की टीम ने झांसी मंडल के अफसरों को अवगत कराया था। बुधवार को झांसी मंडल के डीआरएम संदीप माथुर ने सिथौली व आंतरी का निरीक्षण किया। साथ ही यहां जो भी तकनीकी खामियां मिलीं, उन्हें दूर करने के लिए संबंधित को निर्देश दिए हैं। तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद 180 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रायल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाए जा रहे एलएचबी कोच: यात्रियों का सफर सुरक्षित करने के लिए अब स्वदेशी कोचों को हटाकर एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं, जिससे दुर्घटना होने पर जनहानि कम से कम हो सके। पहले चरण में गतिमान, शताब्दी, राजधानी, दूरंतो ट्रेनों में ही एलएचबी कोच लगाए गए थे। अब लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों में भी एलएचबी कोच लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।